Sunday, February 23, 2020

Incredible Varanasi : Welcome to Kashi


शहर बसाकर लोग, अब गाँव ढूंढते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में, सुकून का पल खोजते हैं। फुरसत मिलते ही जीवन में, बनारस का अंदाज ढूंढते हैं। मस्तमौला मिज़ाज के साथ, गंगा का किनारा खोजते हैं 

 





















'वन्दे भारत एक्सप्रेस' की प्रथम वर्षगाँठ: पूरी टीम का कोटि कोटि अभिनंदन एवं आभार


'श्री काशी विश्वनाथ अन्न क्षेत्र' का शुभारम्भ : यहाँ प्रतिदिन हजारों लोगों को एक साथ प्रसाद एवं 'दक्षिण भारतीय तथा उत्तर भारतीय' भोजन का वितरण किया जाएगा। काशी के सांसद एवं प्रधानमंत्री जी का कोटि कोटि अभिनंदन। हर हर महादेव


कभी गड्ढों से परिपूर्ण रहने वाला यह राजमार्ग, आजकल जनता के मध्य चर्चा का विषय बना हुआ है। "लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से बनारस" आते समय आपको स्वतः यह नवीनतम विकास-कार्य नजर आएगा




Thursday, January 23, 2020

मस्तमौला बनारस : कुछ दिन तो बिताइए काशी में




शहर बसाकर लोग, अब गाँव ढूंढते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में, सुकून का पल खोजते हैं। फुरसत मिलते ही जीवन में, बनारस का अंदाज ढूंढते हैं। मस्तमौला मिज़ाज के साथ, गंगा का किनारा खोजते हैं




















बनारस में गोलघर से मैदागिन जाते समय अग्रसेन कन्या इंटर कॉलेज के गेट के सामने 52 साल पहले शुरू हुई ये दुकान अब हालांकि एक ठेले पर लगने लगी है, लेकिन ब्रेड पकौड़ा खाने के लिए बनारस में सबसे मशहूर दुकान यही है। ब्रेड पकौड़े के अलावा टमाटर, गोभी, आलू चाप इस दुकान पर बेहतरीन मिलती है


काशी आगमन का कार्यक्रम बनाइए -- हर हर महादेव

Thursday, July 5, 2018

Kailash Mansarovar Yatra : Evacuation efforts for Indians, Stranded In Nepal

Summary of Efforts made (till July 5, 2018 at 6 PM IST):

In response to the humanitarian situation arising out of stranding of pilgrims in Hilsa and Simikot (both lean on boarding/lodging/medical infrastructure), Mission mounted a rescue operation to evacuate all pilgrims to Nepalganj. The salient features are –


In Simikot a health check up has been done on all the elderly pilgrims. They are being provided required medical help. Embassy representatives in Nepalganj and Simikot, who are personally in touch with each and every stranded pilgrim. The representatives are ensuring that proper food and lodging facilities are available to all the pilgrims.

At the outset it may be noted that Mission had placed one representative each in Nepalganj and Simikot to cater to any kinds of emergency since May, 2018.

July 2nd – In the morning, Mission representative conducted a head count and found that 437 pilgrims were stranded in Simikot and 250 pilgrims were stranded in Hilsa. The Mission representatives organized a medical checkup of all elderly/ailing pilgrims to ensure their well being and established contacts with most of them to assure them that Mission was aware of the situation and would take necessary action for their rescue. It also urged all tour operators to keep their pilgrim batches in Tibet so that the crisis is not exacerbated due to returning pilgrims.

Mission formed a 8-member multilingual control room, which catered to queries regarding the stranded pilgrims in Hindi/English/Tamil/Telugu/Kannada/Malayalam language speakers

At the end of the day, Mission’s headcount revealed 525 pilgrims in Simikot and 550 pilgrims in Hilsa.

July 3rd – Owing to slight improvement in weather, Mission operated 10 fixed wing flights and two small chartered helicopters to evacuate 158 pilgrims from Simikot to Nepalganj. It also evacuated mortal remains of two pilgrims (one died in Simikot during stranding, and another died in Tibet and brought to Simikot) to Kathmandu and Nepalganj respectively.

Separately, it operated 30 sorties between Hilsa and Simikot and evacuated 150 pilgrims from Hilsa to Simikot, latter being much better equipped viz. infrastructure.

Due to mission’s liaison with tour agencies, as well as Ministry’s support viz. extension of Chinese visa, a large number of incoming pilgrims were retained in Tibet and only 51 pilgrims entered Hilsa from Tibet.

Mission also dispatched a four member team to Nepalganj for establishing camp offices in Simikot, Surkhet and Hilsa to assist pilgrims.

At the end of the day, Mission’s headcount revealed 629 pilgrims in Simikot and 451 pilgrims in Hilsa.

July 4th – Owing to further improvement in weather, Mission operated 17 fixed wing flights, three Nepal Army helicopter sorties, one small helicopter sortie to evacuate 336 pilgrims from Simikot to Surkhet (owing to bad weather in Nepalganj). Further, the Mission operated 11 buses to ferry these 336 pilgrims from Surkhet to Nepalganj by road.

Separately, it operated 50 sorties between Hilsa and Simikot and evacuated 250 pilgrims from Hilsa to Simikot, latter being much better equipped viz. infrastructure.

At the end of the day, Mission’s headcount revealed 643 pilgrims in Simikot and 350 pilgrims in Hilsa.

July 5th – Owing to further improvement in weather, Mission operated (by 3 pm) 26 fixed wing flights and one Nepal Army helicopter sorties to evacuate 389 pilgrims to Surkhet/Nepalganj (owning to changing weather patterns). Further, the Mission operated 7 buses to ferry all pilgrims from Surkhet to Nepalganj by road. As we speak, Mission has pressed in a private MI-16 Helicopter on charter to pull out additional 20-25 pilgrims in one sortie. The Helicopter might do two-three sorties.

Separately, it operated 55 sorties between Hilsa and Simikot and evacuated 275 pilgrims in Hilsa. The sorties between Hilsa and Simikot continue.

Mission’s camp offices became fully functional in Simikot and Surkhet. On account of sharp drop in Hilsa numbers, the camp office in Hilsa has been postponed for July 6th.

Visit : The Indian embassy in Nepal is working on the ground and assisting the pilgrims

NOTE: It may be noted that Mission has not distinguished between Indian nationals and Indian origin nationals during the evacuation and has evacuated people of other nationalities as well.

Wednesday, June 27, 2018

सोशल मीडिया : एक माध्यम, विचारों के आदान प्रदान का

सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया एवं एक विशाल नेटवर्क है, जो कि सम्पूर्ण विश्व को जोड़े हुए है। यह संचार का एक उन्नत माध्यम है। यह द्रुत गति से सूचनाओं के आदान-प्रदान करने, जिसमें हर क्षेत्र की खबरें होती हैं, को समाहित किए होता है। सोशल मीडिया विभिन्न सामाजिक सरोकारों, जागरूकता अभियान में सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के माध्यम से अनेक ऐसे प्रयास हुए हैं जिनसे लोकतंत्र को समृद्ध बनाने एवं जनता का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाने में अतुलनीय योगदान रहा है एवं इन प्रयासों से देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता आदि सशक्त हुई है।






सोशल मीडिया भागीदारी, पारदर्शिता और लोकतंत्र को आगे ले जाने का काम कर रहा है और उसने पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह जोड़ दिया है। 2014 के आम चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग कर जनमानस को मतदान के प्रति जागरूक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इस लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया के उपयोग से वोटिंग प्रतिशत बढ़ा, साथ ही साथ युवाओं में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़ी।


लोकप्रियता के प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया एक उत्कृष्ट माध्यम है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को आसानी से ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण, किसी सभा/संवाद का सीधा प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो तथा ऑडियो संवाद भी सोशल मीडिया के माध्यम से सुगम हो पाई है जिनमें फेसबुक, व्हॉट्सऐप, इंस्टाग्राम कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं। 



दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव 
• त्वरित एवं सूचनापरक संचार का उन्नत माध्यम है
• भविष्य में किसी जानकारी को कुछ ही मिनट में देखने हेतु उपयुक्त माध्यम है
• लिस्ट, पल (मोमेंट) एवं स्टोरी जैसी विशेषताएं प्रदान करता है
• यह माध्यम सर्वसुलभ है, जैसे कि शिक्षित वर्ग हो अथवा अशिक्षित वर्ग
• सूचनाओं का आदान-प्रदान सरल है, डायरेक्ट मैसेज के द्वारा द्विपक्षीय वार्ता संभव है
• फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंटस आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है





सोशल मीडिया के माध्यम से जनता एवं सरकार के मध्य संवाद स्थापित करने में काफी मदद मिली है, साथ ही शिकायतों के निस्तारण में आसानी हुई है। एक उदाहरण के तौर पर भारतीय रेल मंत्रालय द्वारा ट्विटर सेवा इसका प्रमाण है।




यदि हमारा मन साफ है और अपने उद्देश्य की ओर जा रहा है तो निश्चय समझो कि वह हजारों शत्रुओं पर भी अकेला विजय प्राप्त कर सकता है।