देवभूमि काशी से प्रणाम !! इस लेख को लिखने का मेरा उद्देश्य विगत १ वर्ष के उन बिन्दुओं पर प्रकाश डालना है; जो अनेक वर्षों से अंधकार में खो गए थे :
काशी, ब्रह्माण्ड में स्थित आध्यात्म, संस्कृति एवं ज्ञान का ऐसा केंद्र जिसे पहचान की आवश्यकता नहीं ; सुरसरि माँ गंगा किनारे विद्यमान 'देवभूमि काशी' को स्वयं भगवान शिव ने अपना 'प्रासाद' कहा है ! काशी सारे दुःखों को समाप्त करने वाली मोक्षदायिनी नगरी है। नैषधचरित के रचनाकार श्री हर्ष ने कुछ इस तरह प्रस्तुत किया है :
वाराणसी निविशते न वसुन्धरायां तत्र स्थितिर्मखभुआं भवने निवासः।
तत्तीर्यमुक्तवपुषामत एव मुक्तिः स्वर्गात् परं पदमुपदेतु मुदेतुकीदृक।।
{ अर्थात; काशी
समग्र भारत प्रतिरूप के रूप में मौजूद है। यह समस्त दुःखों को समाप्त करने वाली मोक्षनगरी है। यह इस भूमण्डल से बाहर है। यह पृथ्वी पर नहीं है। काशी अलग-अलग कालों में समय के साथ और विकसित होती गयी }
मई २०१४ : काशी को एक नवीन स्वरुप प्राप्ति का एक स्वर्णिम अवसर मिला, जब जनमानस ने देश के प्रधानमंत्री को
यहां से चुनकर भेजा ; [
आज भी प्रधानमंत्री के वे शब्द गूंजते हैं
"मैं
आया नहीं, मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है" ] विगत ११ माह में कुछ सराहनीय कार्य हुए, निम्नलिखित हैं :
स्वर्णिम दिवस : ३१ मार्च२०१५ -- ऋषिकुल विद्यापीठ एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संथापक महामना मदन मोहन मालवीय जी को
"मरणोपरांत भारत रत्न"
अलंकरण
!!
स्वच्छता अभियान : पर्यटकों की निगाह में काशी की गन्दगी प्रथमदृष्टया होती थी ; प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से
"स्वच्छता अभियान"
आज नवीन आयाम स्थापित कर रहा है:
- अस्सी घाट : प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में काशीवासियों के प्रयास से, वर्षों से स्वच्छता का इंतज़ार कर रहा अस्सी घाट आज नवीन स्वरुप में पर्यटकों का स्वागत कर रहा
- मणिकर्णिका घाट : ३५ वर्षों बाद "महाश्मशान" कहे जाने वाले इस घाट को नवीन स्वरुप मिला
- प्रभु घाट एवं पंचकोट घाट : काशीवासियों के सामूहिक प्रयास से "शौचालय" का केंद्र बन चुके ये घाट आज पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं; घाट पर लाइट एवं लीकेज की समस्या का भी समाधान युवाओं के प्रयास से संभव हुआ
- कैलाश घाट : सामने घाट के पास प्रस्तावित कैलाश घाट को स्वच्छता का मॉडल घाट बनाने हेतु टीम बनाकर निरंतर घाट पर स्वच्छता अभियान जारी || रामकथा के दौरान जिस घाट पर संत मोरारी बापू ने नौ दिन तक स्नान किया था, उसी तट को अब कैलाश घाट के रूप में विकसित किया जा रहा || कैलाश घाट पर सुबह-शाम गंगा आरती का आनंद लीजिये : वृंदावन रमणरेती के संत गुरु शरणानंद महाराज जी द्वारा शुभारम्भ
कैलाश घाट को पॉलिथीन, साबुन और निर्माल्य मुक्त बनाने में सफलता मिली एवं घाट पर स्नान करने वाले साबुन का इस्तेमाल नहीं कर रहे
- रामघाट (किरणा नदी उद्गम स्थल) : रामघाट (किरणा नदी उद्गम स्थल) पर भी गंगा आरती का आनंद लीजिये : घाट पर नई रेलिंग लगाने के साथ ही उसे ध्वजा, पताकाओं से सुशोभित किया गया है
- रीवा घाट एवं गंगा महल घाट : स्वच्छता अभियान प्रगति पर ; मशीनें लगाकर मिटटी के ढेर को साफ़ करने का कार्य जारी
- कैंट रेलवे स्टेशन : कभी भारत के सबसे गंदे स्टेशनों में शामिल "वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन" को स्वच्छता के लिए सम्मानित किया गया ; कैंट रेलवे स्टेशन के 'यार्ड रिमाडलिँग' हेतु दिल्ली और लखनऊ से उच्च अधिकारियों एवं इंजीनियर की टीम काशी पहुँची ॥ बजट : २०० करोड़ रुपए || प्लेटफार्म नंबर १ के बाद ; कैंट रेलवे स्टेशन पर शीघ्र ही ३ स्वचालित सीढ़ियां (स्टेशन की सेकेंड एंट्री, प्लेटफार्म नंबर ४-५ और प्लेटफार्म नंबर ८-९ पर) और लगाई जाएंगी || काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में रेलवे प्रौद्योगिकी हेतु "मालवीय पीठ" की स्थापना हेतु "समझौता ज्ञापन" पर हस्ताक्षर (अधिक जानकारी हेतु)
- कैंटोनमेंट - छावनी क्षेत्र : समग्र प्रयास एवं उचित मार्गदर्शन के अंतर्गत प्रतिदिन छावनी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान ; स्वच्छता के मामले में शहर का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र ; प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध ; प्रातःकाल/सायंकाल घूमने हेतु उचित स्थल
ट्रीटमेंट प्लांट : "जायका"
के माध्यम से जर्मनी की कंपनी द्वारा 'दीनापुर' में एसटीपी निर्माण, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की निगरानी में ‘गोइठहां एसटीपी’ का निर्माण, करसड़ा स्थित "ठोस कचरा प्रसंस्करण प्लांट" के क्रियान्वयन हेतु प्रयास आरम्भ, रमना में प्रस्तावित ५० एमएलडी के एसटीपी हेतु डीपीआर तैयार
विगत ११ माह में अनेक ऐसे प्रयास हुए जो "स्वच्छता अभियान" को भविष्य में अवश्य ही सफल बनाएंगे एवं एक स्वच्छ काशी का उपहार देंगे
ज्ञान, कला एवं संस्कृति : काशी प्राचीन काल से ही
"सर्विद्या की राजधानी"
रहा है, संकट मोचन संगीत समारोह एवं रामनगर की रामलीला विश्व प्रसिद्द है ; प्रमुख संगीतकार, साहित्यकार आदि काशी की ही देन हैं
- नवीन आरम्भ, "सुबह-ए-बनारस" के रूप में "अस्सी घाट" पर ; आध्यात्म-संगीत-योग की त्रिवेणी का संगम यह कार्यक्रम एक नवीन आयाम के साथ निरंतर प्रगतिशील है
- प्राचीन परंपरा "गाउन" को त्यागकर ; काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में "पारंपरिक भारतीय वेशभूषा" को अंगीकृत किया गया
आदर्श ग्राम
जयापुर: प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिया 'जयापुर गाँव' जनता के समग्र प्रयास से विकास-पथ
पर अग्रसर है, अब तक संपन्न कार्य एवं प्रयास निम्नलिखित हैं
- योग शिविर/चिकित्सा शिविर प्रतिदिन
- स्वच्छता अभियान अभियान प्रतिदिन
- स्पीड पोस्ट एवं बीमा सुविधा से युक्त 'डाकघर'
- 'भारतीय जीवन बीमा निगम' कार्यशाला, 16 बायो-शौचालय
- वनवासी बस्ती का कायाकल्प : मूलभूत सुविधाओं से युक्त १६ परिवारों के लिए "मॉडल आवास" तैयार
- अटल नगर : पोर्च रोड, सामने मंदिर एवं हरा-भरा बगीचा। शौचालय, स्नानालय एवं भोजनालय के साथ ही एक बड़े कमरे वाला घर
- विद्यालय भवन सुंदरीकरण, "कन्या विद्यालय" को उच्चीकृत करने का कार्य आरम्भ
- समस्त ग्रामीणों का 'जन-धन' खाता एवं 'आधार कार्ड' बना
- महिला स्वावलंबन केंद्र; स्किल डेवलपमेँट केंद्र (स्वीकृत)
- बीएसएनएल द्वारा नवीन टावर स्वीकृत, विद्यार्थियों हेतु कोचिंग सेंटर
- बेटी के जन्म पर '५ पौधे'; ग्राम जन्मदिवस मनाने की प्रक्रिया
- जैविक खेती हेतु साप्ताहिक कार्यशाला
- प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित विशेष प्रजाति के १०० सेव के पौधे आरोपित
- सौर ऊर्जा से संचालित "यूनियन बैंक" पहली शाखा, "स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया" की शाखा खुली, ३ प्रमुख स्थानों पर "सोलर लाइट"
- 'नशा मुक्ति अभियान' जागरुकता ; आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र (प्रस्ताव प्रेषित)
- पेयजल पंप"; पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर ; सीमेंट की ईंट बनाने हेतु २ प्लांट
- यात्रियों की सुविधा हेतु "यात्री प्रतीक्षालय" एवं बैठने हेतु अनेक स्थान पर बेंच की सुविधा
- ग्रामीणों के लिए बस सेवा - ज्योति इस गांव की पहली महिला बस ड्राइवर एवं उनकी ही सहेली वर्षा बस कंडक्टर
- कम्प्यूटरीकृत उप डाकघर का सफल संचालन ; गांव में डाकघर की एक शाखा पहले से है
- पूर्णरूपेण सौर ऊर्जा से रोशन होने वाला जयापुर, प्रदेश का पहला गांव; गांव में २५-२५ किलोवाट के २ सोलर प्लांट का कार्य प्रगति पर
- "कन्या विद्यालय" एवं महिलाओं व बच्चों के लिए अनोखी वातानुकूलित "आंगनबाड़ी केंद्र" - नन्द घर बनकर तैयार
- भूकंपरोधी तकनीक से युक्त "आंगनबाड़ी केंद्र" [नन्द घर] ; बिजली न रहने पर भी रोशनी और स्वच्छ हवा कमरे तक पहुंचेगी
- पानी की सुविधा : प्रत्येक घर में २.५ इंच की पाइप लाइन लगाई जा रही है, जो गांव में ही बने टैंक के माध्यम से सप्लाई होकर पहुंचेगा
- सभी घरों के बाहर शौचालय - कुल ४३० शौचालयों में से ३०० का निर्माण कार्य पूर्ण; शेष प्रगति पर
- २५-२५ किलोवाट के २ सोलर प्लांट, १ प्लांट से गांव के २५० घरों को २४ घंटे विद्युत आपूर्ति, २५ वर्ष तक निःशुल्क विद्युत आपूर्ति
- मुख्य द्वार से दलित बस्ती तक ३ किलोमीटर के सड़क मार्ग को इंटरलिंकिंग के माध्यम से बनाया जा रहा है
- ४ मिनी नलकूप लगाए जा रहे, २ की बोरिंग हो चुकी एवं २ की बाकी है।१ नलकूप आरम्भ होने के पश्चात १५० घरों में जलापूर्ति
- कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के सहयोग से दो बुनकर केंद्र संचालित हो रहे, उत्पाद को देश-दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने की व्यवस्था
- आदर्श गांव जयापुर में इंग्लैंड की एक कंपनी (फर्स्ट स्टेट इन्वेस्टमेंट) का ३ सदस्यीय दल पहुंचा एवं भ्रमण किया
- महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांव में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र (निःशुल्क) खोला गया है : केंद्र में २ बैच चलाए जा रहे हैं, ३० लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा ; प्रशिक्षण केंद्र का विस्तार शीघ्र
- पंचायत भवन पर आरके नेत्रालय के सहयोग से शिविर लगाकर २५३ ग्रामीणों की आंखों आैर ब्लड प्रेश्ार का परीक्षण कराया गया
- ‘धरती धन’ संस्था के प्रतिनिधि कौशल गर्ग ने किसानों को बताए ऑर्गेनिक खेती के तरीके : दिल्ली की संस्था ने किया किसान गोष्ठी का आयोजन
प्रधानमंत्री जी ने जब से हमारे गांव को गोद लिया है, तभी से यह गांव लगातार विकास करता जा रहा है - महिला प्रशिक्षक मुनिता देवी
काशी विकास पथ पर अग्रसर
है; आवश्यकता है जनमानस की सहभागिता की : आइये मिलकर काशी को
स्वर्णिम बनाएं !! हर हर महादेव
Blog Part II -> Varanasi : 1 Year Development (A Ray of Hope)
No comments:
Post a Comment