भारत
एक कृषि प्रधान देश है; अतएव यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि नदियों की स्वच्छता एवं
अविरलता कृषि-कार्यों हेतु क्या महत्ता रखती है; इसी सामाजिक सरोकार के निहित यमुना
मिशन नामक संस्था माँ यमुना की स्वच्छता" हेतु निरंतर अपना योगदान दे रही है;
प्रस्तुत है टीम द्वारा अभी तक किये गए सराहनीय प्रयासों का विवरण:
ये पृथ्वी सबकी है, सभी को इसके
संचार में बराबर का भागीदार होना चाहिए
घाटों
के किनारे प्रवाहित यमुना का यह दृश्य : पहले लोग मात्र इसे एक नाला समझ कर केवल गंदगी
डालते थे परन्तु आज का दृश्य देख किसी को भी विश्वास नही होता कि यह वही स्थान है
I लोग यहाँ स्नान करते है, यमुना जी के किनारों पर बैठ कर आराम के सांस लेते हुए हरियाली
का आनंद उठाते हैं, आज ये स्थान यमुना भक्तों के लिए एक दार्शनिक स्थल के रूप में परिवर्तित
हो गया है I
रमनरेती, गोकुल: कार्यकर्ताओं द्वारा कुछ समय पूर्व
लगाये गए पौधें काफी विकसित हो चुके हैं अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं
अविमुक्ते नर स्नातो मुक्तिं प्राप्नोया संशयम् I
तत्राथ मुंचेत् प्रनाम् मम्लोकं स गछति II (आदि वाराह- पुराण )
तत्राथ मुंचेत् प्रनाम् मम्लोकं स गछति II (आदि वाराह- पुराण )
कृष्णगंगा घाट - ये
दो दृश्य आज आपके सम्मुख हैं; महीनों की अनवरत मेहनत के पश्चात आज एक नवीन आलोक की
प्राप्ति इस घाट को ; इसे देखने के प्रश्चात आपको ये ज्ञात होगा कि देश की अखण्ड संस्कृति
को पुनर्जीवित करने हेतु यमुना मिशन के निःस्वार्थ कार्यकर्ता किस प्रकार अपना योगदान
दे रहे हैं
कृष्ण यमुना तट: स्वच्छता के उपरान्त वृक्षारोपण; कार्यकर्ताओं द्वारा वृक्षों को प्रतिदिन जल सिंचन; जिससे की वृक्षों के साथ-साथ संसार भी स्वस्थ रहे
कृष्णगंगा
घाट पर यमुना मिशन के कार्यकर्ताओं द्वारा घाट के किनारो पर केले के वृक्षों का रोपण
किया जा रहा है, ताकि भविष्य में यह वृक्ष वातावरण को सुरक्षित व सन्तुलित रखें।
कार्ष्णि
कुण्ड गोवर्धन में सफाई के बाद स्वच्छ जल भरा गया , श्रद्धालु कुण्ड में स्नान कर स्वच्छ
जल का आनन्द ले रहे ; स्वच्छता के प्रयास को व्यक्त करती दो तस्वीर (एक पूर्व की एवं
एक स्वच्छता के बाद की)
मथुरा
के पुरातन घाटो में से चक्रतीर्थ घाट एक प्रसिद्ध घाट है परन्तु इसके बावजूद भी यह
घाट काफी समय से उपेक्षित रहा। महीनों की अनवरत कड़ी मेहनत के बाद कुण्ड का जीर्णोद्धार
कार्य संपन्न हुआ एवं और आज यह कुण्ड यमुना भक्तो के लिए एक दर्शनीय स्थान के रूप में
परिवर्तित हुआ है I
आज यह कुण्ड यमुना भक्तो के सम्मुख
एक नवीन स्वरुप एवं आलोक के साथ प्रस्तुत
चक्रतीर्थ
से स्वामी घाट मार्ग पर लगे वृक्षों की सुंदरता को और अधिक सुन्दर बनाने हेतू वृक्षों
के चारों ओर रंग-रोगन कर नया स्वरुप प्रदान किया जा रहा है
लगातार
कचरे के आने से यमुना के धरातलीय प्रवाह को अवरुद्ध किया जिससे, थोड़ी से वर्षा में
बाढ़ का ख़तरा उत्पन्न हो जाता है; इसके समाधान
हेतु टीम द्वारा नदी में से कचरे को निकालने का कार्य आरम्भ किया गया ; जिसके कारण
यमुना की स्वच्छता में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी ही हो रही है
स्वामी
घाट से कंस किले तक के मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर, जिससे यमुना भक्तों को घाटो
तक आने में एवं माँ यमुना के दर्शन करने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना
पड़े।
यमुना मिशन - निगम बोध घाट, नई दिल्ली
माँ
यमुना की निर्मलता एवं अविरलता हेतु यमुना मिशन टीम का यह प्रयास निरंतर प्रगतिशील
है ; आइये हम सभी स्वच्छता के साथ-साथ अधिकाधिक वृक्षारोपण का संकल्प लेकर "स्वच्छ
भारत" की परिकल्पना को साकार स्वरुप दें
Pt. Anil Sharma Ji, Coordinator of Yamuna Mission has received a Best Wishes letter from Rashtrapati Bhavan for commendable work of Yamuna Mission.
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