गुरू नानक सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरू) है। इनके अनुयायी इन्हें गुरू नानक, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी नामक स्थान में, कल्याण चंद नाम के एक किसान के घर उत्पन्न हुए। तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया।
गुरू अंगद देव जी
गुरू अंगद देव सिखो के दूसरे गुरू हैं। गुरू अंगद साहिब जी (भाई लहना जी) का जन्म हरीके नामक गांव में, जो कि फिरोजपुर, पंजाब में आता है, वैसाख वदी १, (पंचम् वैसाख) सम्वत १५६१ (३१ मार्च, १५०४) को हुआ था। गुरुजी एक व्यापारी श्री फेरू जी के पुत्र थे। उनकी माता जी का नाम माता रामो जी था। बाबा नारायण दास त्रेहन उनके दादा जी थे, जिनका पैतृक निवास मत्ते-दी-सराय, जो मुक्तसर के समीप है, में था। फेरू जी बाद में इसी स्थान पर आकर निवास करने लगे।गुरू अंगद देव महाराज जी का सृजनात्मक व्यक्तित्व था।
गुरू अमर दास जी
गुरू राम दास जी
गुरू अर्जुन देव जी
गुरू हरगोबिन्द जी
गुरू हरि राय जी
गुरू हरिकृष्ण जी
गुरू तेग बहादुर जी
गुरू गोविन्द सिंह जी
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